बिहार बोर्ड का 12वीं का टॉपर गिरफ्तार, उम्र 42 की, दो बच्चों का पिता निकला
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि गणेश कुमार ने गणेश राम के नाम से आज से 27 साल पहले साल 1990 में ही दसवीं की परीक्षा दी थी। उस इम्तिहान में उसने अपने जन्म का साल 1975 लिखा था|
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि गणेश कुमार ने गणेश राम के नाम से आज से 27 साल पहले साल 1990 में ही दसवीं की परीक्षा दी थी। उस इम्तिहान में उसने अपने जन्म का साल 1975 लिखा था।
दो दिन पहले बिहार बोर्ड के इंटर की परीक्षा में टॉप करने वाले गणेश कुमार हवालात पहुंच गए हैं। बिहार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। अब गणेश के बारे में पुलिस और बिहार बोर्ड के अध्यक्ष ने जो बताया उसे पढ़ेंगे तो चौक जाएंगे। सच में सोचने लगेंगे कि आखिर बिहार में कब तक ये चलता रहेगा।
गणेश कुमार के बारे में पता चला है कि बारहवीं का टॉपर 42 साल की उम्र का था। उसके दो बच्चें भी हैं, बड़ा बेटा पांचवीं क्लास में और छोटा बेटा तीसरी क्लास में पढता है। सोचिए..सोचिए..दिमाग पर जोर लगाकर सोचिए कि बिहार बोर्ड में आर्ट्स का टॉपर 42 साल का निकला। 12वीं में लड़के लड़कियां 17-18 साल की उम्र के होते हैं। लेकिन गणेश 42 साल का है। बात यहीं खत्म नहीं होती। उसका असली नाम गणेश राम था। उसने नाम बदला और उम्र घटा ली। बारहवीं का इम्तिहान देने के लिए उसने फर्जी दस्तावेज बनाए। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि गणेश कुनार ने गणेश राम के नाम से आज से 27 साल पहले साल 1990 में ही दसवीं की परीक्षा दी थी। उस इम्तिहान में उसने अपने जन्म का साल 1975 लिखा था। लेकिन अपने रिजल्ट को और बेहतर करने और सरकारी नौकरी पाने की लालच में गणेश कुमार ने साल 2015 में फिर दसवीं के इम्तिहान का फॉर्म भरा। इस बार उसने फर्जी दस्तावेज के जरिए अपने जन्म का साल 1993 बताया और 2015 में दसवीं की परीक्षा फिर पास कर ली। 2017 में वो बिहार बोर्ड का टॉपर बन गया।
अब बिहार बोर्ड ने गणेश कुमार का रिजल्ट रोक दिया है। टॉपर की सूचि से उसका नाम हटा दिया गया है। सोचिए अगर गणेश कुमार टॉप नहीं करता और टॉप करने के बाद मीडिया के सामने बेसुरा गाना नहीं गाता तो ये फर्जीवाड़ा पकड़ा नहीं जाता। बोर्ड ने गणेश कुमार की कॉपियां फिर जांची है। कॉपियों में ग़ड़बड़ी नहीं है, लेकिन 18 साल के सामने 42 साल का छात्र परीक्षा में बैठ गया, यही सबसे बड़ी गड़बड़ी है। गिरफ्तारी के वक्त भी गणेश कुमार अपनी गलती मानने को तैयार नहीं था। वो बार बार यही कह रहा था कि उसके उम्र साढ़े 24 साल है और वो सिर्फ एक बच्चे का पिता है। बिहार में ऐसा लगातार दूसरी साल हुआ जब बिहार बोर्ड की टॉपर जेल पहुंच गए। नीतीश कुमार के लिए सोचने का विषय है, आखिर वो कैसा सुशासन कर रहे हैं जिसमें धोखाधड़ी फुल है और शिक्षा गुल।